ध्यान देंः तो क्या गाड़ियों में नहीं लगेगी अब CNG किट? ये है पूरा मामला

ध्यान देंः तो क्या गाड़ियों में नहीं लगेगी अब CNG किट? ये है पूरा मामला

नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों की वजह से ऑप्शनल फ्यूल विकल्पों की मांग लगातार बढ़ रही है। सीएनजी किट के साथ शानदार गाड़ियां के एक से एक विकल्प मार्केट में मिलते हैं।  वाहन चालकों के पास कम प्रदूषण में एक सस्ता विकल्प सीएनजी फ्यूल पर चलने वाली गाड़िया होती हैं। ऐसे में गाड़ियों में CNG किट लगने को लेकर बड़ी खबर आ रही है। हाल ही में जारी की गई सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की वाहनों के बारे में अधिसूचना पर नई जानकारी सामने आई है।

दरअसल आईएसी ने भारत स्टेज-6 (बीएस-6) उत्सर्जन मानक वाले वाहनों को ऑटो एलपीजी और सीएनजी में बदलने संबंधी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना पर सवाल खड़े किए हैं।  मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार के बताया गया था कि बीएस-6 वाहनों को एलपीजी और सीएनजी में बदलने के लिए दुर्घटना टेस्ट और सेवा में अनुरूपता होना जरूरी है।  इस अधिसूचना को आईएसी ने पूरी तरह अव्यवहारिक बताया है।  आईएसी ने इस बारे में मंत्रालय को पत्र लिखकर इससे जुड़ी परेशानियों का जिक्र किया है।

आईएसी द्वारा ने बयान जारी कर कहा कि उसने अपने पत्र में कई मुद्दों पर आपत्ति जताई है।  पत्र के मुताबिक, अधिसूचना में वाहन किस्म की मंजूरी के लिए वैधता की सीमित अवधि को बनाए रखा गया है।  इसके अलावा दुर्घटना परीक्षण को भी आवश्यक माना गया है।  बयान में कहा गया है कि इस तरह के प्रस्तावों को आगे बढ़ाने से बाहर से व्हीकल पार्ट्स बनाने वाली रेट्रोफिटमेंट फर्मों के मुकाबले ओईएम को समान अवसर मुहैया कराने की स्थिति प्रभावित हो सकती है।  आईएसी के अनुसार ये कदम सरकार के  दीर्घकालिक पर्यावरण लक्ष्य को भी बाधित करेंगे।  आईएसी के अनुसार अनुमान है कि रेट्रोफिटमेंट फर्मों को हर तीन साल में रिन्यूवल कराने पर 10 करोड़ रुपये की लागत आएगी।