Earth day : अबेकस सीखों डाट काम के स्टूडेंट्स ने पौधे लगाकर मनाया अर्थ डे

अबेकस सीखों डाट काम की डायरेक्टर सरिता अग्रवाल ने बच्चों को अर्थ डे क्यों मनाया जाता है इसके बारे में बताया उन्होंने कहा कि हर साल 22 अप्रैल को वर्ल्ड अर्थ डे यानी विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है...

Earth day : अबेकस सीखों डाट काम के स्टूडेंट्स ने पौधे लगाकर मनाया अर्थ डे

वाराणसी सिटी। अबेकस सीखों डाट काम (वाराणसी) और श्री गणेश चिल्ड्रेन वेलफेयर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में अर्थ डे मनाया गया। इस अवसर पर अबेकस सीखों डाट काम के बच्चों ने वृक्षारोपण किया। इस दौरान अबेकस सीखों डाट काम की डायरेक्टर सरिता अग्रवाल ने बच्चों को अर्थ डे क्यों मनाया जाता है इसके बारे में बताया उन्होंने कहा कि हर साल 22 अप्रैल को वर्ल्ड अर्थ डे यानी विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इसको मनाने का उद्देश्य लोग को पृथ्वी के महत्‍व को बताना और पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने के लिए जागरूक करना है।  

पृथ्वी दिवस का इतिहास

बता दें कि विश्व पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत 1970 में हुई। 1969 में कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में तेल रिसाव के कारण बड़ी त्रासदी हो गई थी। इस हादसे ने कई लोगों को चपेट में लिया था। उसी दिन पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने का निर्णय लिया गया और नेल्सन के कहने पर 22 अप्रैल को करोड़ों की संख्या में अमेरिकियों ने पृथ्वी दिवस को सेलिब्रेट किया। पृथ्वी दिवस या अर्थ डे जैसे शब्द को दुनिया के सामने लाने वाले सबसे पहले व्यक्ति जूलियन कोनिग थे। कोनिग जन्मदिन 22 अप्रैल को होता था. इसी वजह से पर्यावरण संरक्षण से जुड़े आंदोलन की शुरुआत भी उन्होंने इसी दिन की और इसे अर्थ डे का नाम दे दिया।

अर्थ डे 2023 का थीम

हर साल एक अलग थीम के आधार पर पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इस साल वर्ल्ड अर्थ डे की थीम है, इन्वेस्ट इन आवर प्लांट (Invest in our planet), मतलब हमारे ग्रह में निवेश करें। इसमें मुख्य बिंदु है पर्यावरण संरक्षण के लिए मौजूदा चुनौतियों को जान कर उन्हें खत्म करने के उपायों पर विचार-विमर्श करना है। जीवन को हमें बचाना है…पृथ्वी को हरा बनाना है। कटते वृक्ष उजड़ते वन, मौत को हैं आमंत्रण, जन-जन से ये कहना है…वृक्ष धरा का गहना है।

पृथ्वी के बिना इंसान का जीवन संभव नहीं

श्री गणेश चिल्ड्रेन वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष और अबेकस सीखों डाट काम के सह संचालक विजय अग्रवाल ने कहा कि पृथ्वी के बिना इंसान का जीवन संभव नहीं है। इसे बचाने के लिए हमें पेड़-पैधे लगाने का संकल्प लेना होगा। ऐसा करने से हरियाली के साथ ही ऑक्सीजन भी मिलेगी। पेड़ मिट्टी को कटने से भी रोकते हैं। इसलिए हमें पौधरोपण करना होगा और इसके लिए लोगों को जागरूकर भी करना होगा। धरती को बचाने में जल संरक्षण बेहद अहम भूमिका निभाता है। पानी की बरबादी हमारे भूमंडल के बिगड़ते हालात के लिए जिम्मेदार है। हमें ज्यादा से ज्यादा पानी बचाने का संकल्प लेना होगा।

 तुलसी के पौधे लगाकर दिया संदेश

सभी बच्चों ने अपने हाथों से वृक्षारोपण किया इसमें संस्था के सबसे छोटे सदस्य श्रेय ने अपने छोटे छोटे हाथों से तुलसी के पौधे को लगाया। इसी के साथ वेद सिंह ने पीपल के पौधे को लगाकर हम सभी को यह संदेश दिया कि पीपल का पेड़ जो सबसे ज्यादा आक्सीजन प्रकृति को प्रदान करता है। जिससे धरती को बचाया जा सकता है सभी बच्चे अपने अपने घर से पौधे ले कर आये थे इस पौधे उनके विचारों को व्यक्त कर रहे थे। कोई तुलसी तो कोई पीपल तो कोई एलोवेरा तो कोई बेला का पौधा ले कर आया था इतना ही नहीं कुछ छात्र छात्राओं ने यह भी ध्यान में रख कर की घर के अंदर का वातावरण भी शुद्ध होना चाहिए वे इनडोर प्लान्ट लेकर आये। प्रकृति से रुप हो रहे सदाबहार के पौधे को भी बच्चों ने स्थान दे कर दिखा दिया कि हमें अपनी धरती मां से बहुत प्यार है। कार्यक्रम के अंत में अबेकस सीखों डाट काम की डायरेक्टर सरिता अग्रवाल ने बच्चों को उनके बेहतर प्रफार्मेस के लिए ढेर सारे प्यार दिया और बताया कि अगले रविवार को पृथ्वी दिवस का सभी को सार्टिफिकेट भी दिया जायेगा।