Varanasi : काशी के मणिकर्णिका घाट को मिली बहुत बड़ी नई उपलब्धि, कैसे और किसको मिलेगा अस्थि बैंक का लाभ  

वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर साल के 365 दिन चिताएं जलती हैं। कहा जाता है कि यहां की आग कभी ठंडी नहीं होती। चिताओं के जलने के साथ ही यहां अस्थियों के विसर्जन के लिए भी लंबी लाइन लगती है। ऐसे में ये योजना...

Varanasi :  काशी के मणिकर्णिका घाट को मिली बहुत बड़ी नई उपलब्धि, कैसे और किसको मिलेगा अस्थि बैंक का लाभ  

वाराणसी सिटी। काशी के मणिकर्णिका घाट को एक नई उपलब्धि मिलने जा रही है। बता दें कि इस घाट पर अब अस्थि बैंक बनाने की तैयारी चल रही है। यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इस पर विचार किया जा रहा है। वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर साल के 365 दिन चिताएं जलती हैं। कहा जाता है कि यहां की आग कभी ठंडी नहीं होती। चिताओं के जलने के साथ ही यहां अस्थियों के विसर्जन के लिए भी लंबी लाइन लगती है। ऐसे में ये योजना दूरदराज से आने वाले लोगों के लिए फायदेमंद होगी। इसके लिए लोगों से बहुत ज्यादा पैसे नहीं लिए जाएंगे।

क्या बोले स्वास्थ्य अधिकारी एमपी सिंह

नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी एमपी सिंह ने बताया कि नगर निगम ने सरकार को इसके लिए एक प्लान तैयार करके भेजा था। जिसपर सरकार के ओर से हरी झंडी मिल गयी है। जल्द ही मणिकर्णिका घाट पर अस्थि बैंक बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। दाह संस्कार की प्रक्रिया पूरी होने पर लोग अस्थि बैंक में पर्ची कटाकर अस्थि कलश को सुरक्षित वहां रख सकेंगे। उसके बाद लोग समय मिलने पर उस अस्थि कलश को कभी भी आकर पर्ची दिखाकर ले सकते हैं। इस काम के लिए लोगों से काफी कम पैसे लिए जाएंगे।

365 दिन जलती हैं चिताएं

एमपी सिंह ने आगे बताया कि इस घाट पर वर्ष के 365 दिन चिताएं जलती रहती हैं। यहां दाह संस्कार के साथ ही अस्थि कलश विसर्जन के लिए लोग देश के अलावा विदेशों से भी आते हैं। ऐसे में यहां पर लाइन लगना स्वाभाविक है। कभी-कभी घाट पर पैर रखने की जगह नहीं बचती। अक्सर बिना पूजा-पाठ के अस्थि विसर्जन करना लोगों की मजबूरी होती है। ऐसे में अस्थि बैंक खुल जाने से लोगों की ये समस्या दूर हो जाएगी।

लोग चिता ठंडी होने से पहले ही चले जाते हैं वापस

मणिकर्णिका घाट पर हमेशा चिताओं की लंबी कतारें होती हैं। लोगों को दाह-संस्कार के लिए इंतजार करना पड़ता है। कुछ लोग दूर-दराज से आते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार दाह संस्कार करवाते हैं। भीड़ ज्यादा होने के कारण कई बार लोग चिता ठंडी होने से पहले ही वापस चले जाते हैं। जिस कारण वो लोग अस्थि कलश विसर्जन की परंपरा नहीं कर पाते हैं। लेकिन अब वो लोग अस्थियों को एकत्र करके बैंक में रखवा सकते हैं और बाद में आकर उसका विसर्जन कर सकते हैं। ऐसे लोगों के लिए भी ये योजना फायदेमंद होगी।

पर्ची दिखाकर ले जा सकेंगे अस्थि

एमपी सिंह ने आगे कहा कि इस काम के लिए सर्वे कराया जा रहा है। जमीन की तलाश की जा रही है। जल्द ही इस काम को धरातल पर लाया जाएगा। दूरदराज से आने वाले परिजनों को इसका लाभ मिलेगा।