शक्ति स्वरूपा: गरीब बेटियों को आत्म निर्भर बना रही है पूजा शर्मा, फ्री में करती है उनकी शादी में श्रृंगार

नवरात्री पर फोकस हर लाइफ आप के लिए ले कर आया है एक स्पेशल सीरीज " शक्ति स्वरूपा " जिसमें हम सोसाइटी में ऑड्स से लड़ कर अपना मुकाम बनाने और समाज के लिए काम करने वाली आम महिलाओं की कहानियां ले कर आ रहे है। आज हम मिलेंगे एक ऐसी महिला से जिसने गरीबी से जूझ रही कई महिलाओं को दिया रोजगार का जरिया ताकि वो महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होकर अपना जीवन आत्मसम्मान से गुजार सकें। जिन्होंने समाज के तानों की परवाह न की और संवारा कई महिलाओं का जीवन।

शक्ति स्वरूपा: गरीब बेटियों को आत्म निर्भर बना रही है पूजा शर्मा, फ्री में करती है उनकी शादी में श्रृंगार

फीचर्स डेस्क। हर औरत में है मां की छवि। कभी वो बन जाती है दुर्गा तो कभी बन जाती है सती। कभी मां अन्नपूर्णा की तरह पालन करती है अपनी संतान का तो कभी देती है एक वजह जीवन जीने की। आपने वो गीत तो सुना ही होगा "जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों" ये पंक्तियां एक दम सटीक बैठती है पूजा शर्मा के जीवन पर। माता रानी की हम सब संतान है। माता रानी किसी न किसी रूप में अपने भक्तों की मदद करने आ ही जाती है। इस समय माता रानी के रूप में पूजा कर रही है हर गरीब लाचार की मदद। कीमत है उनके चेहरे की एक मुस्कान। इसके लिए वो हर संभव प्रयास करती है। कैसे उनको मिली प्रेरणा ये सब करने की और क्या क्या कार्य कर रही है वो आइए जानते है "शक्ति स्वरूपा" सीरीज के जरिए।

प्रेरणा श्रोत बनें प्रेरणा

पूजा कहती है कि उनके प्रेरणा उनके पापा रहे है बचपन से। शुरू से ही उनको जरूरतमंदों की सेवा करते हुए देखा। तो मेरे मन में भी उनको देखकर एक अलग ही भावना बन गई थी। मैं ये ही सोचती थी कि एक दिन ऐसा काम करूंगी कि मेरे पापा को मुझे पर नाज़ होगा। आज मैं समाज के उन लोगों के लिए काम कर रही जिनको लोग बेसहारा छोड़ देते है या हेय दृष्टि से देखते है। सबको उनको देखकर दया तो आती है पर कोई कुछ करना नहीं चाहता उनके लिए। मैं अपने सारे त्यौहार, अपने और परिवार के सारे खास दिन इन बच्चों के साथ मानती हूं। उनको उपहार देती हूं।

कई बार ऐसे बच्चों को जिन्होंने घर के बाहर की दुनिया कभी देखी ही नहीं उनको बड़ी बड़ी जगह जैसे मॉल,पार्क घुमाने ले जाती हूं। उन बच्चों के चेहरे पे जो खुशी देखती हूं वो मुझे दुनिया का सबसे बड़ा तोहफा लगती है।

आत्मसम्मान से जीना सिखाया

झांसी की रहने वाली पूजा शर्मा का सदर बाजार में अपना ब्यूटी पार्लर है और वो गरीब लड़कियों को अपने पार्लर में फ्री में पार्लर का कोर्स सिखाती है। ताकि वो अपने पैरों में खड़ी हो सकें और सम्मान से जीवन जी सकें। पूजा गरीब लड़कियों की शादी में उनका मेकअप भी निःशुल्क करती है और लहंगा सेट जो कि हजारों रुपए के मिलते है वो भी एक दम फ्री उपलब्ध करवाती है।

पूजा का मानना ये है कि वो गरीब है तो क्या हुआ उन्हे भी अपना जीवन खुशियों से जीने का अधिकार है और अगर मैं उनको उनकी खुशियों को जीने का एक छोटा सा मौका दे पाती हूं तो खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं। मुझे बदले में पैसा चाहे न मिले पर मिलती है ढेर सारी दुआएं। जो जीवन को खुशहाल बनाने के लिए पर्याप्त है।

आसरा एनजीओ बना गरीबों का आसरा

जब अपना खुद का  खाली होता है तो कैसा लगता होगा। ऐसा ही जब पूजा का खुद का घर खाली हुआ तो उन्होंने अपने एनजीओ को आसरा नाम दिया। और आसरा बनी बेसहारा लोगों का। आसरा एनजीओ पूजा शर्मा और उनके पति बंटी शर्मा का मिला जुला प्रयास है। इनका एनजीओ बूढ़े लोगों की सेवा करता है। जिन बुजुर्गों के खाने पीने के भी लाले होते है उनके भोजन का प्रबंध करता है। साथ ही पूजा उन गरीब बच्चों का भी स्कूल में एडमिशन करवाती है जो अपनी शिक्षा का खर्च नहीं उठा पाते। पूजा अपने पति और अपने पिता को रोल मॉडल मानती है। पूजा कहती है कि उनके पति ने उनका कदम कदम पर साथ दिया है तभी आज वो अपनी भावनाओं के अनुसार काम कर पा रही है। सिर्फ इंसान ही नहीं बेजुबान जानवरो की पीड़ा भी समझती है पूजा। सड़क के मूक जीव जंतुओं की तकलीफ समझ कर उनका इलाज भी करवाती है।

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मिले कई सम्मान

वैसे तो पूजा ने कभी किसी इनाम और सम्मान के लिए कभी कोई काम नहीं किया पर आज अपने नेक कामों के जरिए पूजा शर्मा झांसी का जाना माना नाम बन चुकी है। पूजा को कई सम्मान मिल चुके है और समय समय पर झांसी की मीडिया ने भी इनको इनके सराहनीय कामों के लिए सराहा है। कोरोना काल में जिन बच्चों के सिर से मां बाप का साया उठ गया उनकी जिम्मेदारी पूजा शर्मा ने ली है। ये बहुत बड़ी बात है।

संक्षिप्त परिचय

नाम..पूजा शर्मा

हसबैंड नेम.. बंटी शर्मा

पुत्री नेम..तान्या शर्मा

रुचि..मुझे बेसहारा लोगों की मदद करना बहुत अच्छा लगता है और ऐसे लोगों के लिए कुछ करना ही मेरी रुचि है।

मूल मंत्र..अपने लिए जीना भी कोई जीना है। अपने जीवन को किसी की खुशियों के लिए समर्पित करना ही जीवन का सही मकसद है।

आगामी योजना..उपेक्षित माता पिता और गरीब बच्चों के लिए शिक्षण केंद्र और वृद्धाश्रम खोलना और गरीब परिवारों को विकास के रास्ते पर ले जाना।

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अपने सराहनीय कार्यों से समाज में स्थान बनाने वाली पूजा शर्मा कहती है कि असली मजा तो संघर्षों के साथ जीने में है और गरीबों की खुशी ही उनकी जमा पूंजी है। हमें भी पूजा शर्मा के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।