Biography : कौन हैं डॉ मधुबाला सिन्हा ? बहुत कम समय में साहित्य जगत में बनाया बड़ा नाम

डॉ मधुबाला  ने 1993 से अपने कॅरियर की शुरुआत जयमंगल अनूपा इंटर महिला कॉलेज से बतौर भोजपुरी में अध्यापन से कार्य किया। इसके बाद डॉ मधुबाला  1994 से मंचीय कार्यक्रम में भागीदारी देती रही हैं...

Biography : कौन हैं डॉ मधुबाला सिन्हा ? बहुत कम समय में साहित्य जगत में बनाया बड़ा नाम

फीचर्स डेस्क। डॉ मधुबाला सिन्हा का जन्म 1 जनवरी 1961 को एकमा सारण बिहार में हुआ था। व्याख्याता के रूप में आकाशवाणी में सेवा देने वाली मधुबाला का रुचि लेखन में अपने पढ़ाई के दौरान से था। यही कारण है कि आज इनका कई मंचों और किताबों तक लेखन कार्य का अनवरत सफर जारी है। डॉ मधुबाला कौन है ये आपको बता ही दिया लेकिन अब भी इनके बारें में जानने के लिए बहुत कुछ है। तो आइये जानते हैं डॉ मधुबाला की बायोग्राफी (Biography of Dr Madhubala), डॉ मधुबाला की शिक्षा (Dr Madhubala of education), डॉ मधुबाला करियर (Career of Dr Madhubala), डॉ मधुबाला की लाइफ स्टोरी (Life Story of Dr Madhubala), डॉ मधुबाला का जुनून, पुरस्कार (Dr Madhubala's passion, award), डॉ मधुबाला की अन्य उपलब्धियां (Other achievements of Dr Madhubala), डॉ मधुबाला का शौक (hobby of dr madhubala), डॉ मधुबाला का सम्पादन (Editing by Dr. Madhubala), तो चलिए बताते हैं डॉ मधुबाला के बारे में...

डॉ मधुबाला की बायोग्राफी  : Dr Madhubala biography 

डॉ मधुबाला बिहार के एकमा सारण साल 1961 में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री सरयू नाथ प्रसाद जो कि सप्लाई इंस्पेक्टर के पद से रिटायर्ड हैं और माता का नाम स्वर्गीया जानकी देवी है।

डॉ मधुबाला की शिक्षा : Dr Madhubala of education

डॉ मधुबाला ने आठवीं तक स्कूल की पढ़ाई दरभंगा महारानी जानकी कुंवर गर्ल्स स्कूल से की। इसके बाद बोर्ड की पढ़ाई एकमा, हाई स्कूल में हुई। फिर कॉलेज की पढ़ाई स्नातक तक श्री लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट महिला महाविद्यालय धनबाद से पूरी की। वहीं शादी के बाद स्नातकोत्तर की पढ़ाई मुंशी सिंह महाविद्यालय, मोतिहारी चंपारण में हुई और फिर शोध कार्य बाबा भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, बिहार से हुई। इन्होने एम.ए.(हिन्दी )पी.एच डी (हिन्दी),-बिहार विश्वविद्यालय.."विद्या वारिधि" की मानद उपाधि,,मौनतीर्थ विद्यापीठ—उज्जैन से किया है।

डॉ मधुबाला का करियर : Career of Dr Madhubala

डॉ मधुबाला  ने 1993 से अपने कॅरियर की शुरुआत जयमंगल अनूपा इंटर महिला कॉलेज से बतौर भोजपुरी में अध्यापन से कार्य किया। इसके बाद डॉ मधुबाला  1994 से मंचीय कार्यक्रम में भागीदारी देती रही हैं। डॉ मधुबाला  साहित्यक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी के लिए कई मंचों से सम्मानित भी होती रही जो सिलसिला आज भी जारी है। इनकी रचनाएँ वागर्थ, आजकल, रैन बसेरा, भोजपुरी सम्मेलन पत्रिका, गुफ्तगू पत्रिका (प्रयागराज)और कविताम्बरा (वाराणसी), किस्सा कोताह ( ग्वालियर) में आज भी छपती रही है। आकाशवाणी में बतौर काव्यपाठ अपनी सेवा दे रहीं हैं।

डॉ मधुबाला  की लाइफ स्टोरी : Life Story of Dr Madhubala

डॉ मधुबाला के पति श्री विजय शंकर वर्मा। जो कि पेशे से अधिवक्ता हैं शांत और मिलनसार.सबके सुख-दुःख में पहला कदम बढ़ाने वाला व्यक्तित्व इनका। इसके साथ ही डॉ मधुबाला  की बेटी डॉ एकता वर्मा और बेटों में डॉ प्रियरंजन और डॉ अंशिता रंजन हैं।

डॉ मधुबाला का साहित्यिक सफर  : Dr Madhubala literary journey

डॉ मधुबाला को मिलने वाले सम्मान की बात करें तो साहित्य सम्मान, महादेवी वर्मा सम्मान, निराला सम्मान, नारी रत्न सम्मान, सरस्वती सम्मान, सुषमा स्वराज नारी गौरव सम्मान, साहित्य सृजक सम्मान, चम्पारण साहित्य सम्मान, नारी गौरव सम्मान, फ़िराक गोरखपुरी सम्मान, हावर्ड रिकॉर्डस ऑफ लन्दन अवार्ड इत्यादि के साथ" दी ग्राम टुडे" के द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, गुफ्तगू पत्रिका तथा उद्गार संस्था के द्वारा अलावा भी कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। साहित्यिक, सामाजिक और संस्कृतिक के क्षेत्र में सहभागिता के लिए पुरस्कृत भी की गई हैं।

 डॉ मधुबाला की अन्य उपलब्धियां : Other achievements of Dr Madhubala

डॉ मधुबाला की अन्य उपलब्धियां भी हैं, जैसे- विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के साथ अखिल भारतीय भोजपुरी काव्य सम्मेलन पत्रिका, वागर्थ, कथादेश, रैनबसेरा, आजतक, भोजपुरी साहित्य सम्मेलन पत्रिका, कविताम्बरा, गुफ्तगू आदि पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं। 1994 से निरन्तर लेखन, मुशायरा और कविसम्मेलनों में भागीदारी।हिन्दी काव्य संग्रह(12),भोजपुरी काव्य संग्रह(1),हिंदी लघुकथा संग्रह(2) भोजपुरी लघुकथा सँग्रह(1) प्रकाशित और हिन्दी से भोजपुरी में दो काव्यसंग्रह का अनुवाद प्रकाशित हो चुकी है। साझा संकलन (22)प्रकाशित हो चुकी हैं।

डॉ मधुबाला का शौक : hobby of dr madhubala

डॉ मधुबाला का शौक की बात करें तो हिन्दी और भोजपुरी की विधाओं--यथा-कविता, कहानी, लघुकथा, संस्मरण और हाइकु, लेखन, प्राचीन स्थलों की सैर करना इनका शौक है।

डॉ मधुबाला का सम्पादन : Editing by Dr. Madhubala

50 बरस, चम्पारण के रचनाकार (प्रेस में), चाँद के साथ(संयुक्त सँग्रह),प्रेम का बंधन(साझा संकलन) में अपना योगदान दें चुकी हैं।