“शक्ति स्वरूपा” : आदिवासी क्षेत्र में लड़कियों और महिलाओं को कई साल से फ्री योगा ट्रेनिंग दें रहीं हैं गीता

“शक्ति स्वरूपा” : आदिवासी क्षेत्र में लड़कियों और महिलाओं को कई साल से फ्री योगा ट्रेनिंग दें रहीं हैं गीता

फीचर्स डेस्क। चैत्र नवरात्रि का आज नौ वाँ दिन दिन है। ऐसे में हर साल की तरह इस साल भी focus24news ने देश के उन “शक्ति स्वरूपा” की कहानी लेकर आया है जो आज समाज में लड़कियों और महिलाओं के लिए अपना समय निकाल कर उनको आत्मनिर्भर, हुनरमंद और उनके स्वास्थ्य के लिए काम कर रहीं हैं। तो आइए जानते हैं आज कि हमारी “शक्ति स्वरूपा” स्पेशल सीरीज में एमपी हरदा से गीता पाण्डेय हैं जो पेशे से रेलवे कर्मचारी हैं। रेलवे कर्मचारी, घर की ज़िम्मेदारी और समाज में बहुत से कर्तव्यों का निर्वहन के बाद भी आदिवासी क्षेत्र में सप्ताह में एक दिन जाकर योगा के जरिए महिलाओं और लड़कियों को स्वास्थ्य रखने की कोशिश कर रहीं हैं एमपी हरदा की रहने वाली गीता पाण्डेय।

गीता पाण्डेय रेलवे कर्मचारी हैं। गीता कहती हैं कि मैं चाहती हूँ कि आदिवासी क्षेत्र में जहां आमतौर पर लोगों का ध्यान नहीं जाता और यहाँ लोगों को हेल्थ के प्रति जागरूक करना और उनको योगा से होने वाला लाभ के विषय में जानकारी देने बहुत जरूरी है। ऐसे में मैं सप्ताह में एक दिन इन महिलाओं और लड़कियों को योगा का ट्रेनिंग देती हूँ।

सप्ताह में एक दिन 45 मिनट योग

गीता पाण्डेय का कहना है कि मैं सप्ताह में एक दिन 45 मिनट का ट्रेनिंग देती हूँ, इसके बाद यहीं कि किसी एक सदस्य को पूरे सप्ताह योगा कराने की ज़िम्मेदारी दे देती हूँ, इस तरह पूरा सप्ताह योगा ट्रेनिंग चलता रहता है।

योगा वाली मैडम के नाम पुकारती हैं लड़कियां

गीता कहती हैं कि यहा योगा में आने वाली महिलाओं और लड़कियों में बहुत सी ऐसी हैं जो आज भी मुझे योगा वाली मैडम के नाम से संबोधित करती हैं।

कई कैंप में फ्री योगा क्लास का है प्लान

गीता पाण्डेय के अनुसार अभी तो मैं आदिवासी क्षेत्र में कुछ जगह फ्री योगा क्लास दें रहीं हूँ, लेकिन जब सदस्य सीख जाएंगे तो कई क्षेत्र में महिलाओं और लड़कियों के लिए फ्री योगा कैंप चलाने की योजना है।